24 September, 2016

(उसकी भूमि पर कर, अपने बिस्तर पर कर) The Tax Poem In Hindi


उसकी भूमि पर कर, उसके बिस्तर पर कर, मेज, जिस पर खाना खाते हैं उस पर कर।
ट्रैक्टर पर कर, यहाँ तक खच्चर पर कर, उसे सिखाओ कर शासन कर रहे हैं।

उसकी गाय पार कर, उसकी पर बकरी कर, उसकी पैंट पर कर, उसके कोट पर कर।
अपने टाई पर कर, उसकी कमीज पर कर, अपने काम पर कर, उसकी गंदगी पर कर।

उसकी तंबाकू पर टैक्स, उसकी शराब पर कर। सोचने के लिए कोशिश करता है तो कर।
उसकी सिगार पर कर, उसकी बियर पर कर, वह रोता है, तो उसके आँसू पर कर।

उसकी कार पर कर, अपने गैस पर कर, कोई तरीका जिससे लगे उसके अस पर कर।
उसके पास जो है उस पर कर , फिर उसे बताना है,  तब तक नहीं रुकना है  जब तक उसके पास आटा है।

जब वह चिल्लाता है और गुहार करता है , लगते है कुछ और अधिक कर।
कर 'जब तक वह अच्छे या पीड़ादायक है। फिर  उसके ताबूत पर कर, उसकी कब्र पर कर।
वतन जिस में रहता है, रहने पर कर।

उसकी कब्र पर इन शब्दों को डाल दिया, "कर मुझे मेरे कयामत तक ले गये थे।"
जब वह चला गया है, तो भी आराम नहीं है।
क्योंकि..यह समय inheritance कर लागू करने के लिए है।
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